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पुलिस का फ़ोन आ रहा है? सतर्क रहें! डिजिटल अरेस्ट स्कैम को ऐसे पहचाने

PhonePe Regional|4 min read|05 December, 2024

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साइबर अपराध में धोखेबाज अक्सर डर का सहारा लेकर भोले-भाले लोगों को धोखा देते हैं। हाल ही में धोखेबाजी की एक नई रणनीति सामने आई है, जिसे “डिजिटल अरेस्ट” स्कैम कहा जाता है। इस नए तरीके में धोखेबाज मासूम लोगों को पुलिस या सरकारी अधिकारी बनकर कानूनी कार्रवाई का डर दिखाकर ठगते हैं। अगर लोग इसके बारे में न जानते हों, तो कानूनी कार्रवाई के डर में फँसकर आसानी से धोखा खा सकते हैं। 

इस ब्लॉग में, हम डिजिटल अरेस्ट स्कैम के बारे में सभी बातें जानेंगें जैसे- यह कैसे काम करता है और अपने-आप को इस धोखाधड़ी से कैसे बचाएँ।

डिजिटल अरेस्ट स्कैम क्या है?

डिजिटल अरेस्ट स्कैम, धोखाधड़ी का एक प्रकार है जिसमें धोखेबाज ईमेल, टेक्स्ट मैसेज या फ़ोन कॉल के माध्यम से सरकारी या कानूनी अधिकारी होने का दिखावा करते हैं। वे ऐसा दावा करते हैं कि किसी ऑनलाइन अपराध या साइबर अपराध के लिए आपका गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है या फिर इस अपराध के लिए आपकी जाँच चल रही है। इस समस्या को हल करने के लिए, वे आपसे तुरंत पैसे जमा करने या फिर आपकी व्यक्तिगत जानकारी की माँग करते हैं और इसे न मानने पर आपको गिरफ्तार कर लेने की धमकी देते हैं।

डिजिटल अरेस्ट स्कैम कैसे काम करता है?

डिजिटल अरेस्ट स्कैम का मुख्य उद्देश्य है आपको डरा-धमका कर आपसे पेमेंट कराना या संवेदनशील जानकारियाँ लेना। यहाँ इस स्कैम के काम करने का तरीका बताया गया है:

  1. प्रारंभिक संपर्क: सबसे पहले आपको एक कॉल, ईमेल या टेक्स्ट मैसेज आता है जिसमें यह दावा किया जाता है कि यह किसी सरकारी या कानून से जुड़ी एजेंसी की ओर से भेजा गया है। इस मैसेज में नकली गवर्नमेंट स्टैम्प या लोगो का उपयोग किया जाता है और ऐसा भी लग सकता है कि यह किसी वैध फ़ोन नंबर से आया है।
  • टेक्स्ट मैसेज (SMS): ऐसे टेक्स्ट मैसेज जो यह दावा करते हैं कि ऐसी कानूनी समस्याएँ हैं जिन पर आपको तुरंत कार्रवाई करने की ज़रूरत है। 
  • फ़ोन कॉल: ऑटोमेटेड कॉल या लाइव कॉल करने वाले व्यक्ति जो स्वयं को पुलिस अधिकारी या कानूनी प्रतिनिधि बताकर पीड़ितों से संपर्क कर सकते हैं। 
  • सोशल मीडिया और मैसेजिंग ऐप: धोखेबाज आप तक पहुँचने के लिए फेसबुक, व्हाट्सएप जैसे प्लेटफार्मों या अन्य मैसेजिंग सेवाओं का भी उपयोग कर सकते हैं।
  • वीडियो कॉल: धोखेबाज अपने-आप को कानूनी अधिकारी बताते हुए वीडियो कॉल करते हैं जिसमें वे यूनिफार्म पहने हुए दिखाई देते हैं। वे अक्सर पीड़ितों को डराने-धमकाने के लिए इस रणनीति का इस्तेमाल करते हैं, आपराधिक गतिविधियों में आपके शामिल होने का झूठा दावा करते हैं और गिरफ्तारी से बचने के लिए आपसे तुरंत पेमेंट करने या संवेदनशील जानकारी देने की माँग करते हैं।
  1. आरोप: धोखेबाज यह दावा करते हैं कि किसी गंभीर अपराध जैसे “संदिग्ध इंटरनेट गतिविधि” या “धोखाधड़ी वाले ट्रांजैक्शन” के लिए आपकी जाँच चल रही है, जो अस्पष्ट लेकिन चिंताजनक होता है। वे आपको भरोसा दिलाने के लिए केस सँख्या या कानूनी शब्दों का भी उपयोग कर सकते हैं। 
  2. तुरंत कार्रवाई: आपसे कहा जाता है कि यदि आप गिरफ्तारी से बचना चाहते हैं तो आपको तुरंत कार्रवाई करनी होगी – या तो जुर्माना अदा करके या व्यक्तिगत जानकारी प्रदान करके। वे क्रिप्टोकरेंसी, गिफ्ट कार्ड या वायर ट्रांसफर के माध्यम से पेमेंट माँग सकते हैं, क्योंकि इन तरीकों का पता लगाना और रिवर्स करना मुश्किल होता है।
  3. कारवाई आगे बढ़ाने की धमकी देना: यदि आप कॉल की वैधता पर सवाल उठाते है या उनकी बात मानने से मना कर देते हैं तो धोखेबाज आक्रामक हो जाते हैं और कानूनी कार्यवाही करने, जुर्माने की राशि बढ़ाने या तुरंत गिरफ्तार करने की धमकी देने लगते हैं। 

अगर आप इसका शिकार बन जाए तो क्या करें

यदि आपको संदेह हो कि आपको डिजिटल अरेस्ट स्कैम का निशाना बनाया जा रहा है तो खुद को बचाने के लिए इन स्टेप्स को फॉलो करें:

  1. तुरंत उत्तर ना दें: थोड़ा रुकें और शांत हो कर इस स्थिति के बारे में सोचें। धोखेबाज लोगों को अपने जाल में फँसाने के लिए उनके डर और घबराहट का फायदा उठाते हैं।
  2. कॉन्टैक्ट को वेरिफाई करें: इस कम्युनिकेशन को वेरिफाई करने के लिए, आधिकारिक चैनलों के माध्यम से सीधे कथित एजेंसी से संपर्क करें (घोटालेबाज द्वारा प्रदान किए गए नंबर से नहीं)।
  3. घटना को रिपोर्ट करें: यदि आपको कोई संदिग्ध मैसेज प्राप्त होता है, तो इसकी सूचना स्थानीय अधिकारियों या कंज्यूमर प्रोटेक्शन एजेंसियों को दें। घटना की रिपोर्ट करने से इन एजेंसियों को घोटालों पर नज़र रखने और दूसरों को चेतावनी देने में मदद मिलती है।                                        
  4. अपनी जानकारी की सुरक्षा करें: यदि आपने अनजाने में व्यक्तिगत जानकारी साझा की है, तो अपनी जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए ज़रूरी कदम उठाएं, जैसे पासवर्ड बदलना और वित्तीय जानकारी दिए जाने की स्थिति में अपने बैंक को अलर्ट करना।
  5. सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर का उपयोग करना: अपने डिवाइस में फ़िशिंग और मैलवेयर (जिसका उपयोग धोखेबाज आपकी जानकारी तक पहुँचने के लिए कर सकते हैं) से बचने के लिए अप-टू-डेट सिक्योरिटी सॉफ़्टवेयर इंस्टाल करना सुनिश्चित करें।
  6. टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA): यदि धोखेबाज आपकी जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करते हैं तो उनको ऐसा करने से रोकने और एक और सिक्योरिटी लेयर बनाने के लिए अपने खाते में 2FA चालू करें। 
  7. इस बारे में खुद की और अन्य लोगों को जागरूकता बढ़ाएँ: घोटालों के नए तरीकों की जानकारी रखें और इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ साझा करें, ताकि वे भी सतर्क रह सकें।

डिजिटल अरेस्ट स्कैम जैसे घोटालों का उद्देश्य डर और जल्दबाजी का फायदा उठाना होता है। संकेतों से जागरूक रहकर और दबाव में शांत रहते हुए, आप इसका शिकार होने से बच सकते हैं और दूसरों को भी इस जाल में फँसने से बचा सकते हैं।

अगर आप डिजिटल अरेस्ट स्कैम के शिकार हुए हैं तो फोनपे पर इसकी रिपोर्ट कैसे करें 

यदि आपको फोनपे के माध्यम से किसी धोखेबाज द्वारा धोखा दिया गया है, तो आप निम्नलिखित तरीकों से तुरंत इस समस्या को रिपोर्ट सकते हैं::

  1. फोनपे ऐप : हेल्प सेक्शन पर जाएँ और “ट्रांजैक्शन में समस्या है” विकल्प के अंतर्गत समस्या को रिपोर्ट करें।
  2. फोनपे कस्टमर केयर नंबर: आप किसी भी समस्या को रिपोर्ट करने के लिए फोनपे कस्टमर सर्विस को 80-68727374/022-68727374 पर कॉल कर सकते हैं, जिसके बाद हमारे कस्टमर सर्विस एजेंट आपके लिए एक टिकट रेज़ करेंगें और आपकी समस्या को हल करने में मदद करेंगें। 
  3. वेबफॉर्म सबमिट करना: आप PhonePe के वेबफॉर्म का उपयोग करके भी टिकट रेज़ कर सकते हैं, https://support.phonepe.com/
  4. सोशल मीडिया: आप फोनपे के सोशल मीडिया हैंडल के माध्यम से धोखाधड़ी की घटनाओं की रिपोर्ट कर सकते हैं

Twitter — https://twitter.com/PhonePeSupport

Facebook — https://www.facebook.com/OfficialPhonePe

  1. शिकायत सेल: किसी मौजूदा शिकायत पर शिकायत दर्ज करने के लिए, आप https://grievance.phonepe.com/ पर लॉग-इन कर सकते हैं और पहले रेज़ किए गए टिकट की टिकट आईडी साझा कर सकते हैं।
  2. साइबर सेल: अंत में, आप धोखाधड़ी की शिकायतों की रिपोर्ट निकटतम साइबर अपराध सेल में कर सकते हैं या https://www.cybercrime.gov.in/ पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं या साइबर अपराध सेल की हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क कर सकते हैं।
  3. DOT :यदि कोई डिजिटल अपराध नहीं हुआ है, लेकिन आपको इसका संदेह है, तो भी इसकी रिपोर्ट करें। दूरसंचार विभाग ने संचार साथी पोर्टल (sancharsaathi.gov.in), पर एक चक्षु सुविधा शुरू की है, जहाँ कोई व्यक्ति मैसेज, कॉल और व्हाट्सएप अकाउंट पर धोखाधड़ी का संदेह होने पर रिपोर्ट कर सकता है।

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