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मनी म्यूल न बनें: इस फाइनेंशल स्कैम से बचने के लिए आपकी सुरक्षा गाइड
PhonePe Regional|5 min read|28 February, 2025
सोचिए, अगर हर हफ़्ते सिर्फ़ पैसे रिसीव करके आगे भेजने पर आपको ₹500 मिलें, तो कैसा लगेगा? सुनने में बहुत अच्छा लग रहा है, पर असल में ऐसा नहीं है- आजकल इसी तरह आम लोगों को फाइनेंशल स्कैम का शिकार बनाने के काफी मामले सामने आ रहे हैं।
ठग म्यूल खातों का इस्तेमाल पैसे को धोखे से इधर-उधर करने या अन्य अवैध कामों के लिए करते हैं, जिससे असली अपराधी पकड़े न जाएं। इस ब्लॉग में, हम जानेंगे कि म्यूल खाते क्या होते हैं, वे कैसे काम करते हैं और ये लोगों व कंपनियों के लिए इतना बड़ा खतरा क्यों हैं।
मनी म्यूल क्या होते हैं?
मनी म्यूल वे लोग होते हैं जो धोखाधड़ी या किसी अवैध गतिविधि के चलते दूसरों के कहने पर एक खाते से दूसरे खाते में पैसा ट्रांसफर करते हैं। मनी म्यूल अपने बैंक खाते में पैसे प्राप्त करता है और फिर उन पैसों को किसी अन्य खाते में भेज देता है, ऐसा आमतौर पर कमीशन या इनाम के झूठे वादे के बदले किया जाता है। कुछ लोग जानबूझकर इस तरह की स्कीम में शामिल होते हैं, लेकिन कई बार लोग धोखे से भी इस अपराध में फंस जाते हैं।
कल्पना कीजिए: आपको एक जॉब ऑफ़र मिलता है, जो आपको ठीक-ठाक लगता है, यहाँ आपको फाइनेंस असिस्टेंट के रूप में काम करना है। काम भी आसान लगता है – एक कंपनी के इंटरनेशनल पेमेंट प्रोसेस करने में मदद करना। लेकिन आपको यह अहसास तक नहीं होता कि आप एक मनी म्यूल बन चुके हैं और अब एक पेचीदा मनी लॉन्ड्रिंग ऑपरेशन का हिस्सा हैं।
म्यूल खाते आमतौर पर मनी लॉन्ड्रिंग स्कीमों में इस्तेमाल किए जाते हैं, जहां चोरी किए गए पैसे को कई खातों के जरिए घुमाया जाता है ताकि उसके असली स्रोत को छिपाया जा सके और जांच एजेंसियों के लिए अपराधियों तक पहुंचना मुश्किल हो जाए। इन खातों का उपयोग फिशिंग स्कीम, लॉटरी धोखाधड़ी या नकली निवेश योजनाओं में भी किया जाता है, जहां लोगों को धोखे से इन खातों में पैसे भेजने के लिए बहकाया जाता है।
ठग अपना नेटवर्क कैसे बनाते हैं
मनी म्यूल नेटवर्क ऐसे गिरोह होते हैं जहाँ ठग अपनी पहचान छिपाकर इस धोखाधड़ी से अनजान लोगों और म्यूल्स के बीच पैसों का लेन-देन बहुत ही शातिर तरीके से करवाते हैं। इस पूरे खेल के पीछे “म्यूल कंट्रोलर” या “रिक्रूटर” होते हैं, जो इस रैकेट को चलाने और लोगों को फंसाने का जाल बुनते हैं।
धोखाधड़ी के मास्टरमाइंड जाल कैसे बिछाते हैं?
- फ़र्ज़ी नौकरी के लिए भर्ती: म्यूल बनाने के लिए ठग कभी सीधे संपर्क करते हैं तो कभी “झटपट कमाई” वाले विज्ञापनों, फ़र्ज़ी नौकरी के ऑफ़र या सोशल मीडिया के जरिए भी लोगों को फँसाते हैं। पहली नज़र में ये ऑफ़र सही लगते हैं, लेकिन असल में ये लोगों को मनी म्यूल बनाने की चाल होती है।
- पैसा इकट्ठा करना: जैसे ही म्यूल का खाता सेट हो जाता है, उसमें पैसा डाला जाता है – जो अक्सर ठगी, धोखाधड़ी या चोरी किए गए क्रेडिट कार्ड से आता है। ये रकम वायर ट्रांसफर या ऑनलाइन पेमेंट के जरिए भेजी जाती है।
- पैसा को इधर-उधर करना: ठग म्यूल को बोलता है कि वह पैसे को किसी और खाते या क्रिप्टोकरंसी वॉलेट में भेज दे, जो अक्सर विदेशों तक जाता है। कई बार म्यूल से पैसे को दूसरी करेंसी में बदलवाया जाता है या कोई सामान खरीदकर किसी और जगह भिजवाया जाता है।
- सबूत मिटाना: ठग पैसे को कई म्यूल खातों के जरिए घुमा-फिराकर जांचकर्ताओं के लिए इसे ट्रैक करना मुश्किल बना देते हैं। मकसद ये होता है कि ट्रांज़ेक्शन का ऐसा जाल बिछाया जाए कि पकड़ में नहीं आए कि ट्रांज़ेक्शन शुरू कहाँ से किए गए थे और आखिर में पैसा किसके खाते में पहुँचा।

ठग अपने म्यूल कैसे फँसाते हैं?
ठग अक्सर उन लोगों को निशाना बनाते हैं जिन्हें पैसों की ज़रूरत होती है या जो जल्दी पैसा कमाने के आसान तरीके ढूंढ रहे होते हैं। लोगों को फंसाने के कुछ आम तरीकों के बारे में जानें:
- फ़र्ज़ी नौकरी के ऑफ़र: ठग अक्सर फ़र्ज़ी नौकरियों के विज्ञापन डालते हैं, खासकर वर्क-फ्रॉम-होम या ऑनलाइन काम के नाम पर। ये नौकरियां बिना ज़्यादा मेहनत किए जल्दी पैसा या कमीशन कमाने का लालच देती हैं। जैसे ही कोई इनके जाल में फंसता है, उसे बैंक खाता खोलने के लिए कहा जाता है ताकि पैसे डाल कर आगे ट्रांसफ़र किए जा सकें।
- इन्वेस्टमेंट और लॉटरी स्कैम: ठग लोगों को यह यकीन दिलाते हैं कि उन्होंने कोई लॉटरी जीत ली है या कोई ज़बरदस्त इन्वेस्टमेंट का मौका मिल गया है। फिर उन्हें फंड्स रिसीव करने के लिए खाता खोलने के लिए कहा जाता है, लेकिन असल में इस खाते का इस्तेमाल धोखाधड़ी के लिए किया जाता है।
- जल्दीबाज़ी दिखाना: कुछ ठग डर और हड़बड़ी का फायदा उठाते हैं। वे धमकाते हैं कि आपके ऊपर उधार है और अगर पैसे ट्रांसफ़र करने में मदद नहीं की, तो बड़ी मुसीबत में फंस जायेंगे।
म्यूल बनने का खतरा और अंजाम
कुछ लोग जानबूझकर मनी म्यूल बनते हैं, लेकिन कई लोग बिना समझे इसमें फंस जाते हैं। मगर नतीजा चाहे जो भी हो, म्यूल खाते से जुड़े रहने के भारी नुकसान हो सकते हैं:
1. कानूनी परिणाम
- मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी के केस लग सकते हैं
- जेल जाने तक की नौबत आ सकती है
- बैंक खाता बंद हो सकता है और फाइनेंशियल सेवाओं पर रोक लग सकती है
2. पैसा डूबना
- अपनी जमा-पूंजी गवांनी पड़ सकती है
- केस लड़ने में मोटा खर्च आ सकता है
- जुर्माने और भारी पेनल्टी भरनी पड़ सकती है
- लंबे समय के क्रेडिट रेटिंग लिए बिगड़ सकती है
मनी म्यूल स्कैम से कैसे बचें?
- अनजान लोगों से ऑनलाइन बातचीत करने से बचें।
- किसी और के लिए अपना बैंक खाता न खोलें।
- अपनी डेबिट कार्ड, पासबुक या मोबाइल बैंकिंग ऐप का पासवर्ड किसी को न दें।
- मोबाइल बैंकिंग का पासवर्ड समय-समय पर बदलते रहें।
- अगर किसी नौकरी में अज्ञात खातों में पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहा जाए, तो उसे स्वीकार न करें।
- दूसरों को अपने बैंक खाते का इस्तेमाल पैसे प्राप्त करने या ट्रांसफ़र करने के लिए नहीं करने दें।
- इनाम में मिली ऐसी कोई राशि स्वीकार नहीं करें जिसमें आपको उसका कुछ हिस्सा किसी और को ट्रांसफ़र करने के लिए कहा जाए।
- कभी भी OTP या लॉगिन क्रेडेंशियल जैसे CVV, पासवर्ड आदि किसी के साथ शेयर नहीं करें।
- बेहद सस्ते ऑफ़र, भारी छूट और बहुत ज़्यादा अच्छी लगने वाली डील्स से सावधान रहें।
- अपने खाते के ट्रांज़ेक्शन समय-समय पर चेक करें और कोई गड़बड़ लगे तो तुरंत बैंक को रिपोर्ट करें।
- बैंक से आने वाले SMS/ ईमेल/IVR पर ध्यान दें ताकि ज़रूरी अपडेट मिलते रहें।
अगर आप मनी म्यूल स्कैम का शिकार हुए हैं, तो PhonePe पर शिकायत कैसे दर्ज करें
यदि आपको फोनपे पर जॉब स्कैमर द्वारा धोखा दिया गया है, तो आप तुरंत निम्नलिखित तरीकों से इस समस्या की शिकायत कर सकते हैं:
- फोनपे ऐप: हेल्प सेक्शन में जाएँ और “ट्रांजेक्शन में समस्या” विकल्प के अंतर्गत अपनी समस्या के लिए टिकट रेज करें।
- फोनपे कस्टमर केयर नंबर: आप कोई समस्या के बारे में बताने के लिए फोनपे कस्टमर सर्विस को 80-68727374/022-68727374 पर कॉल कर सकते हैं, जिसके बाद कस्टमर सर्विस एजेंट टिकट रेज करेंगें और समस्या को हल करने में आपकी मदद करेंगें।
- वेबफ़ॉर्म सबमिशन: आप PhonePe के वेबफॉर्म, https://support.phonepe.com/ का उपयोग करके भी टिकट रेज कर सकते हैं।
- सोशल मीडिया: आप PhonePe के सोशल मीडिया हैंडल के माध्यम से धोखाधड़ी की घटनाओं की रिपोर्ट कर सकते हैं
Twitter — https://twitter.com/PhonePeSupport
Facebook — https://www.facebook.com/OfficialPhonePe
5. ग्रीवांस सेल: किसी मौजूदा शिकायत पर ग्रीवांस रिपोर्ट करने के लिए, आप https://grievance.phonepe.com/ पर लॉग इन कर सकते हैं और पहले से रेज किए गए टिकट आईडी को शेयर कर सकते हैं।
6. साइबर सेल: अंत में, आप निकटतम साइबर अपराध सेल में धोखाधड़ी की शिकायतों की रिपोर्ट कर सकते हैं या https://www.cybercrime.gov.in/ पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं या 1930 पर साइबर अपराध सेल हेल्पलाइन से संपर्क कर सकते हैं।
7. DOT: अगर डिजिटल अपराध नहीं हुआ है, लेकिन आपको कोई गतिविधि संदिग्ध लगे, तो भी इसे ज़रूर रिपोर्ट करें। दूरसंचार विभाग ने संचार साथी पोर्टल (sancharsaathi.gov.in), पर चक्षु सुविधा शुरू की है। यहां आप ऐसे संदिग्ध मैसेज, कॉल और WhatsApp अकाउंट की शिकायत दर्ज कर सकते हैं, जो धोखाधड़ी से जुड़े हुए हो सकते हैं।
महत्वपूर्ण रिमाइंडर— फोनपे कभी भी गोपनीय या व्यक्तिगत विवरण नहीं मांगता है। यदि वे PhonePe.com डोमेन से नहीं हैं तो फोनपे से होने का दावा करने वाले सभी मेल पर ध्यान न दें। यदि आपको धोखाधड़ी का संदेह है, तो कृपया तुरंत अधिकारियों से संपर्क करें-